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क्रेडिट कार्ड पर मिनिमम पेमेंट क्या हैं इसके क्या फायदे क्या नुकसान हो सकते हैं। Credit Card me Minimum Due Kya Hota Hai

यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो आपने मिनिमम पेमेंट राशि के बारे में जरूर सुना होगा। यह वह न्यूनतम राशि है जिसे आपको हर महीने चुकाना होता है। अगर आपका इसका भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो आपको ब्याज के साथ-साथ जुर्माना भी चुकाना होगा।

देखना जाए तो यह राशि आपके कुल खर्च के 4 से 5 प्रतिशत के बीच होती है। कई बार लोगों को लगता हैं कि मिनिमम पेमेंट जमा करके वे दूसरे शुल्कों से बच जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता हैं।

मिनिमम पेमेंट चुकाने से आप जुर्माना से तो बच सकते हैं, लेकिन बची हुई राशि पर ब्याज लगातार बढ़ता चला जाता हैं।

अगर आप लगातार केवल मिनिमम पेमेंट ही जमा करत रहेंगे, तो एक समय आएगा जब ब्याज की रकम मिनिमम पेमेंट से अधिक हो जाएगी।

अगर आप नहीं जानते हैं कि Credit Card Ka Minimum Due Kya Hota Hai तो इस जानकारी को अंत तक पूरा पढ़ें। यहाँ पर हम आपको के बारें मे पूरी जानकारी देने वाले हैं।

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो हमेशा क्रेडिट कार्ड से सोच समझ कर ही भुगतान करें।

जब कोई चीज अच्छी लगती है, तो बिना सोचे-समझे क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर दिया जाता है। लेकिन जब आप नया क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो हम भूल जाते हैं कि महीने के अंत में हमने इस खर्चे का भुगतान भी करना है।

क्रेडिट कार्ड बनाने वाली कंपनियां लोगों की इस कमजोरी को अच्छी तरह से जानती हैं, इसलिए वे एक सुविधा प्रदान करती हैं जिसे ‘न्यूनतम राशि देय’ (Minimum Amount Due) कहा जाता है।

लेख का पूरा विवरण

मिनिमम अमाउंट ड्यू क्या है Credit Card me Minimum Due Kya Hota Hai

क्रेडिट कार्ड पर ‘न्यूनतम राशि देय’ (Minimum Amount Due) आपके कुल बकाया राशि का 5 प्रतिशत तक होता है। यदि आपकी कोई ईएमआई (EMI) बची हुई है, तो उसे भी इस न्यूनतम राशि में जोड़ा जाता है।

इसके अलावा, अगर पिछले किसी भुगतान की राशि बाकी है, तो वह भी न्यूनतम राशि में शामिल हो जाती है।

मिनिमम अमाउंट चुकाने के फायदे

न्यूनतम राशि देय (Minimum Amount Due) का भुगतान करके आप अपने क्रेडिट कार्ड को ऐक्टिव रख सकते हैं। इससे आपके क्रेडिट कार्ड की टोटल लिमिट क्रेडिट सीमा (Total Available Credit Limit) का इस्तेमाल करना संभव रहता है, लेकिन इसमें ईएमआई (EMI) की राशि शामिल नहीं होती है।

आपके द्वारा ली गई ईएमआई की कुल राशि क्रेडिट कार्ड पर ब्लॉक हो जाती है, इससे बचा हुआ हिस्सा आपकी उपलब्ध क्रेडिट सीमा में आता है। न्यूनतम राशि देय का भुगतान करके, आप इस उपलब्ध क्रेडिट सीमा का लगातार इस्तेमाल कर सकते हैं।

न्यूनतम राशि को समय पर जमा करके करके आप बैंक के द्वारा भुगतान को डिफ़ॉल्ट में नहीं डाले जाने का परमिशन ले सकते हैं। इससे आपका सिबील स्कोर में भी सुधार रहता हैं। आपके सिबील स्कोर की सुरक्षा होती है।

इसके अलावा , आप लेट से भुगतान करने पर लगने वाले चार्ज (Late Payment Fees) से भी बच जाते हैं।

मिनिमम अमाउंट चुकाने के नुकसान

जब आप केवल क्रेडिट कार्ड की न्यूनतम राशि देय (Minimum Amount Due) जमा करते हैं, तो शेष बची हुई राशि अगले महीने में चुकाने के लिए आगे बढ़ा दी जाती हैं। लेकिन इस राशि बची हुई राशि पर ब्याज भी लगता हैं।

इस प्रकार अगर आप पूरी राशि नहीं तय समय पर नहीं चुकाते हैं तो आपकी बची हुई राशि पर हर महीने ब्याज लगता चला जाता हैं। जो एक बड़ी राशि बन जाती हैं। जिसे चुकाने में आपको परेशानी भी हो सकती हैं। फिर इस को चुकाने में आपके घर का बजट भी बिगड़ सकता हैं।

आमतौर पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज की दर 35 से 40 प्रतिशत के बीच होती है, जो आपकी बची हुई राशि पर लगाया जाता हैं। इससे बचने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड की राशि तय समय पर ही चुकाने की कोशिश करें।

अगर आप तय समय पर क्रेडिट कार्ड की राशि नहीं चुका पते है तो आपके ऊपर ब्याज का बोझ तो बढ़ता ही हैं। ऊपर से आपका सिबील स्कोर भी खराब होता हैं। जिससे आपको भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन या वित्तीय सहायता लेने में परेशानी हो सकती हैं।

इसलिए जरूरी हैं कि आप Minimum Due Amount को ही समय पर न चुकाये बल्कि पूरी राशि को भी तय की गई समय सीमा पर चुका दें। ताकि आपका सिबील स्कोर खराब न हो।

याद रखें, क्रेडिट कार्ड बनवा लेना महत्वपूर्ण नहीं हैं। आप उसे कैसे इस्तेमाल करते है । यही भी महत्वपूर्ण हैं। वरना आपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी पर ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है जिस दिन खरीदारी की जाती है, न कि बिलिंग साइकिल के अंतिम दिन से

यूजर क्रेडिट कार्ड का जितना कम बिल चुकाता हैं। उतनी ही कम आपकी क्रेडिट लिमिट हो जाती हैं। जिसके कारण यूजर अने कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर पाते।

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Credit Card पेमेंट में जानिए मिनिमम ड्यू का गणित

मिनिमम ड्यू बिल लोगों को लुभाता है।

यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) बिल को ध्यान से देखें तो इसमें आपको बिल की पूरी राशि दिखाई देगी। साथ ही अगले खाने में मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) का ऑप्शन भी दिखाई देगा। मिनिमम अमाउंट (Minimum Amount) का अर्थ होता है कि यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो इतनी राशि भी चुका सकते हैं। लेकिन लोग इसका सही तरीका नहीं समझ पाते हैं इसलिए इस जल में फंस जाते हैं।

मिनिमम ड्यू अमाउन्ट चुका दें कर पीछा छुड़ाए

किसी महीने के बिल में यदि आप मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) करते हैं, तो इसे काफी नहीं मानना चाहिए। इसका ये मतबल बिल्कुल नहीं है कि आपको क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के बिल से छुट्टी मिल गई है।

ये एक तरह से कर्ज का जाल है। कंपनी हर महीने आपसे मिनिमम ड्यू (Minimum Amount Due) के नाम पर जो पैसे लेती है, वह सिर्फ ब्याज और फाइल चार्ज में खप जाता है। आपका मूल अमाउंट वैसा का वैसा ही बचा रहता हैं ऊपर से उस बची हुई राशि पर ब्याज बढ़त चला जाता हैं ।

मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) का कैलकुलेशन

आम तौर पर मिनिमम अमाउंट ड्यू क्रेडिट कार्ड की कुल लिमिट का 5% होता है, लेकिन यह राशि बैंक के हिसाब से अलग अलग होती हैं। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल में टोटल आउटस्टेंडिंग की राशि ज्यादा होगी तो यह उस राशि के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है। यदि कुल बिल की राशि कम होगी तो यह पांच फीसदी के आसपास भी हो सकती है।

न्यूनतम बकाया राशि कैसे तय की जाती है? 

न्यूनतम बकाया राशि (Minimum Due Amount – MDA) को तय करने के लिए निम्नलिखित राशियों को जोड़कर तय किया जाता है:

👉 कुल बची हुई राशि का 5 फीसदी : यह एक पैमाना होता है, जिसका पालन करना होता है। आपके कुल बकाया राशि का पांच % कोटा न्यूनतम ड्यू अमाउंट में शामिल होता है।

👉 ईएमआई (EMI) किश्त: यदि आपने अपनी पेमेंट को EMI में बांटा है, तो वह राशि भी MDA में शामिल होती है, ताकि आपको इसका भुगतान करना होता है।

👉 पिछले क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि: आपके पिछले क्रेडिट कार्ड के बिल की बकाया राशि भी MDA में शामिल होती है, जिसका भुगतान करना होता है।

इन तीनों राशियों को जोड़कर, महीने का न्यूनतम ड्यू अमाउंट (MDA) तय किया जाता है, और आपको कम से कम इस राशि का भुगतान करना होता है, ताकि आपको जुर्माना नहीं लगे और आपका क्रेडिट स्कोर भी नकारात्मक प्रभावित नहीं हो।

न्यूनतम बकाया राशि भुगतान के फायदे

👉 क्रेडिट कार्ड एक्टिव रहेगा: आपका क्रेडिट कार्ड चालू रहेगा। आप क्रेडिट लिमिट तक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके लिए वित्तीय गतिविधियों में सुविधा प्रदान करता है।

👉 आप पर देर से पेमेंट का जुर्माना नहीं लगेगा: यदि आप MDA का भुगतान करते हैं, तो आपको देर से पेमेंट के लिए किसी प्रकार का कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

👉 क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा: आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है क्योंकि इस राशि का भुगतान करने पर बैंक आपको “डिफॉल्टर” नहीं मानेगा। यही नहीं आपका सिबील स्कोर या क्रेडिट स्कोर भी खराब नहीं होगा।

इसलिए, यदि आपके पास पूरी राशि का भुगतान करने की सामर्थ्य नहीं है, तो न्यूनतम बकाया राशि का भुगतान करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, ताकि आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव न हो।

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Credit Card ka Minimum Due Ammount से जुड़े हुए कुछ सवाल जवाब

1. यदि मैं क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम देय भुगतान कर दूं तो क्या होगा?

न्यूनतम देय राशि का भुगतान जारी रखने से कुछ गंभीर वित्तीय परिणाम हो सकते हैं।

पहली बात, न्यूनतम देय राशि पर ब्याज लगता है, और यह ब्याज समय के साथ बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको कुल बकाया राशि पर उच्च ब्याज शुल्क का चुकाना होगा।

दूसरी ओर, न्यूनतम देय राशि के द्वारा किए गए खरीददारियों पर बढ़ते ब्याज के रूप में प्रकट होता है।

तीसरी बात, यह क्रेडिट लिमिट को कम कर सकता है, जिसका मतलब है कि आपके पास क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसी इमरजेंसी की स्थिति में या अधिक खर्च करने की कम लिमिट हो सकती है।

आखिरकार, न्यूनतम देय राशि के कारण आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित हो सकता है, जिसके कारण आपको भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन लेने मे परेशानी हो सकती हैं।

2. क्रेडिट कार्ड में मिनिमम बैलेंस कितना होना चाहिए?

क्रेडिट कार्ड के बिल के मिनिमम ड्यू अमाउंट का आमतौर पर कुल आउटस्टैंडिंग का 5% होता है, लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंकों के क्रेडिट कार्डों पर भिन्न-भिन्न हो सकती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल का कुल बकाया ज्यादा होता है, तो इस मिनिमम ड्यू अमाउंट की राशि उस बकाया के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है।

3. क्या होता है जब हम केवल क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम राशि का भुगतान करते हैं?

जब आप केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करते हैं, तो शेष बकाया राशि पर ब्याज लगता है।

4. अगर मैं 6 महीने तक क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करता तो क्या होता है?

अगर आप लगातार 6 महीने तक अपने क्रेडिट कार्ड के लिए न्यूनतम बिल का भुगतान नहीं करते, तो आपको डिफॉल्टर लिस्ट में भेज दिया दिया जाएगा। और आपका क्रेडिट कार्ड भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।

5. क्रेडिट कार्ड पर लेट फीस कितनी है?

अगर आपका क्रेडिट कार्ड बिल ज्यादा होता है, तो आपको ज्यादा पेनेल्टी देनी होती है। ठीक, इसी प्रकार अगर बिल कम आता है, तो आपको कम पेनेल्टी देनी होती है।

उदाहरण के तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 500 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक के बिल पर 400 रुपये की पेनेल्टी लगती है।

6. क्रेडिट कार्ड लिमिट क्या है?

क्रेडिट लिमिट क्रेडिट कार्ड (Credit Card) द्वारा खर्च की लिमिट तय की जाती हैं।

जो बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है। यह वो अधिकतम राशि होती है जिससे ज्यादा आप कार्ड के द्वारा खर्च नहीं कर सकते हैं।

क्रेडिट लिमिट आपके क्रेडिट स्कोर, आय, और आपके अन्य क्रेडिट कार्ड पर मिली क्रेडिट लिमिट के आधार पर निर्धारित करता है।

7. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो क्रेडिट कार्ड बिल का क्या होता है?

अगर कोई पर्सन पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाए बिना ही उसकी मौत हो जाती है, तो बैंक उसके परिवार या उसके किसी सगे संबंधी से लोन की भरपाई नहीं कर सकता।

क्‍योंकि ये दोनों अनसिक्योर्ड लोन हैं. इसमें संपत्ति भी जब्त नहीं की जा सकती. ऐसे में बैंक इसे राइट ऑफ कर देती हैं, यानी इन लोन अकाउंट को NPA घोषित किया जाता है।

8. मृत्यु के बाद क्रेडिट कार्ड बिलों का क्या होता है?

पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड का बकाया, ये सभी अनसिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आते हैं। अगर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाए बिना ही किसी शख्स की मौत हो जाती है, तो बैंक उसके परिवार से या उसके कानूनी वारिस से लोन की भरपाई नहीं कर सकता।

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निष्कर्ष – Credit Card me Minimum Due Kya Hota Hai

यहाँ पर हमने आपको बताया हैं कि Credit Card me Minimum Due Kya Hota Hai इससे आपको क्या फायदे हो सकते हैं। क्या नुकसान हो सकते हैं। इसकी जानकारी हमने आपको इस लेख में दें हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद हैं तो आप हमें कमेन्ट करके बताएं। इस जानकारी को उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें। जो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।

इस जानकारी को लेकर अगर आपका किसी भी प्रकार का कोई सवाल हैं तो आप अपना सवाल कमेन्ट करके पूछ सकते हैं।

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