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Crypto R.O.H.A.S Formula Kya Hai Hindi : क्रिप्टो R.O.H.A.S फॉर्मूला क्या है , निवेश करते समय जरूर जान लें ये गणित

दुनिया मे क्रिप्टोकरेंसी की लोक पिरीयता को देखते हुए वर्तमान मे दुनिया मे 5 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मे लोग ट्रेडिंग कर रहे है। ऐसे मे अगर आप निवेश करने मे माहिर है तो क्रिप्टोकरेंसी मे निवेश करने का का ऑप्शन भी आपके लिए खुला हुआ है। जिसके कारण निवेश अच्छे क्रिप्टो कॉइन का चुनाव करके निवेश कर सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी मे निवेश को ध्यान मे रखते हुए ब्लॉकचेन आर्किटेक्ट रोहास नागपाल ने एक ऐसा फार्मूला तैयार किया गया है जिसे crypto ROHAS formula का नाम दिया गया है । इस फॉर्मूले के बारे मे हर क्रिप्टो निवेशक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए। ताकि आप क्रिप्टो करेंसी के बारे मे निवेश को अच्छी तरीके से समझ सको।

इस लेख मे हम आपको इसी फॉर्मूले के बारे मे विस्तार से समझने वाले है इसलिए इस लेख को पूरा पढे। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि क्रिप्टो R.O.H.A.S फॉर्मूला क्या है। Crypto R.O.H.A.S Formula Kya Hai Hindi

क्रिप्टो करेंसी मे निवेश करने वाले आप अकेले लोग नहीं हो कि आप इसमे निवेश करो और आपको अच्छा रिटर्न मिल जाए। इससे आपको किस प्रकार से रिटर्न मिलेगा। इसके लिए अलग अलग प्रकार से अनुमान लगाने के तरीके होते है। जिससे आप अंदाजा लगा सकते हो कि आपको रिटर्न मिलेगा या नहीं लेकिन ये बाद ध्यान रखे कि अनुमान हर बार सही नहीं होते है आप केवल इनके भरोसे पर मोटा निवेश न करे वरना आपको भारी नुकसान भी हो सकता है।

क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करती है। इसी को ध्यान मे रखते हुए ब्लॉकचेन आर्किटेक्ट रोहास नागपाल ने क्रिप्टो निवेशको के निवेश से पहले अनुमान लगाने के लिए क्रिप्टो आरओएचएएस का फार्मूला तैयार किया है। जिसे समझकर आप क्रिप्टो करेंसी मे निवेश को लेकर सही फैसला कर सकते है।

क्रिप्टो R.O.H.A.S फॉर्मूला

  • R = रेवेन्यू (Revenue)
  • O = ऑर्गनाइजेशन (Organization)
  • H = हिस्ट्री (History)
  • A = एल्गोरिदम (Algorithm)
  • S = सोशल इंगेजमेंट (Social engagement)

आइए इसे विस्तार में समझते हैं

R = रेवेन्यू (Revenue)

क्रिप्टो करेंसी मे निवेश करने से पहले हमे निवेशको को जानना होगा कि आप क्रिप्टो करेंसी के जिस भी कॉइन मे निवेश करना चाहते है उसका रेवेन्यू मॉडल या फिर इकोनिमिक इंपेक्ट ( आर्थिक प्रभाव ) क्या है। क्रिप्टोकरेंसी एक वित्तीय संपत्ति है, जिससे या तो किसी प्रकार की समस्या का समाधान निकलेगा या फिर उम्मीद रहेगी कि हमे भविष्य मे इससे अच्छा रिटर्न मिलेगा।

O = ऑर्गनाइजेशन (Organization)

क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी करेंसी मे निवेश करने से पहले उसके बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त कर ले कि इस कॉइन के पीछे कौन सी ऑर्गेनाइजेशन काम कर रही है।
वैसे तो क्रिप्टोकरेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड पर आधारित है जिसे एक ही बिन्दु से कंट्रोल किया जाता है।

लेकिन निवेशक इस इस बात को इस प्रकार से समझ सकते है। कि क्रिप्टोकरेंसी मे निवेश करते समय इसमे किसी ऑर्गेनाइजेशन किसी भी प्रकार के समहू या लोगों का हाथ नहीं होना चाहिए वरना आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।

ये बात भी ध्यान रखे कि आप जिस भी क्रिप्टो कॉइन मे निवेश कर रहे है उसके फाउंडर कौन है। इसे किसने डेवलप किया है। इसकी मार्केटिंग कौन कर रहा है। इत्यादि।

किसी भी क्रिप्टो को ऊंचाई तो लेकर जाने के लिए अनुभवी कुशल और प्रतिष्ठित टीम होने चाहिए। तभी वह अपने निवेशको को अच्छा रिटर्न दिला सकते है। ये बात निवेश से पहले ही जान ले। क्रिप्टो कॉइन की मार्केट और सोशल मीडिया पर कितनी विश्वसनीयता है इसकी जानकारी भी पहले ही प्राप्त कर ले।

H = हिस्ट्री (History)

क्रिप्टो करेंसी के किसी भी क्रिप्टो कॉइन मे निवेश करने से पहले उसकी पिछली हिस्ट्री के बारे मे जानना निवेशको के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है किसी भी क्रिप्टो कॉइन की हिस्ट्री जानने के लिए दो चीजे मायने रखती है कि क्या इस करेंसी ने अतीत मे अपने लक्ष्य को तय समय पर पूरा किया है या नहीं। अगर नहीं किया तो ऐसी क्या कमी रह गई थी जिसके कारण ये पीछे रह गई।

दूसरी चीज ये कि क्रिप्टो की हिस्ट्री और लिक्विडिटी कैसी रही है किसी भी क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ उसके एक्टिव यूजर्स और ट्रेडिंग वॉल्यूम से आँकी जा सकती है। मार्केट मे इस करेंसी की कितनी उपयोगिता और लिक्विडिटी यानी क्षमता है। इसके अलावा क्रिप्टो अलग अलग
ट्रेड पेयर्स में उपलब्ध है या नहीं,
निवेश करते समय ये बात भी अहम होती है कि कि क्रिप्टो करेंसी विश्वसनीय ट्रेडिंग एक्सचेंज पर लिस्टिंग भी या नहीं अगर है तो अच्छी बात है।

A = एल्गोरिदम (Algorithm)

consensus mechanism उस सिस्टम को कहा जाता है जिसमे किसी भी नेटवर्क पर मौजूद कई एजेंटों के बीच किसी एक डेटा वैल्यू या एक नेटवर्क पर बराबर अग्रीमेंट होता है। जिसके कारण सिस्टम सेफ, सक्षम और पर्यावरण पर कम प्रभावी होना चाहिए।
सोर्स कोड भी हाई क्वालिटी का होना चाहिए। जिसके लिए हमेशा कुछ बातों पर ध्यान दे /

  • थर्ड पार्टी ऑडिट्स (Third-party audits
  • पुल रिक्वेस्ट्स (Pull requests),
  • समस्याएं और उनका समाधान (Issues and their resolution),
  • स्टार्स (Stars),
  • क्रिप्टो में कमिटमेंट की क्वालिटी और क्वांटिटी (Quantity and quality of commits),
  • फोर्क्स (Forks),डॉक्यूमेंटेशन (Documentation)

इस बात पर भी ध्यान दे कि डेवलपर पूल , सक्षम डेवलपर टैलेंट की उपलब्धता लंबे समय तक है या नहीं।

S = सोशल इंगेजमेंट (Social engagement)

किसी भी क्रिप्टो करेंसी की लोकपिरीत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस करेंसी की सोशल मीडिया पर कितनी इंगेजमेंट है । यूजर किस करेंसी को पसंद कर रहे है इसकी जानकारी भी आप सोशल मीडिया पर इंगेजमेंट देखकर पता लगा सकते है। सोशल मीडिया पर सफल और अच्छा रिटर्न देने वाली क्रिप्टो करेंसी की एक्टिव , इंगेजिंग और पॉजिटिव कम्युनिटी ग्रुप है। जिसका फायदा आप ले सकते है।

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