
शेयर मार्केट की तरह क्रिप्टोकरेंसी मे भी उतार चढ़ाव होता रहता है। कभी एक झटके मे क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कई गुना बढ़ जाती है, तो कभी कुछ ही पल मे ये वेलयु नीचे गिर जाती है। जिसके कारण निवेशकों को इस उतार चढ़ाव को लेकर काफी डर भी रहता है कि काही उनके निवेश करते ही क्रिप्टोकरेंसी की वेलयु नीचे न गिर जाए। लेकिन यहा पर सबसे बड़ा सवाल ये है की आखिर इस वैल्यू को कौन तय करता है।
अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे है तो इस लेख को पूरा पढे। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है की क्रिप्टोकरेंसी की कीमते कैसे तय होती है। Cryptocurrency Value kaise deside hoti hai
Cryptocurrency की वैल्यू कैसे तय होती है
निवेश मे रुचि रखने वालों के क्रिप्टोकरेंसी एक अच्छा माध्यम बन चुकी है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी मार्केट मे एक दम से ही बड़े स्तर पर उतार चढ़ाव होता रहता है जिसके कारण निवेशकों मे निवेश को लेकर डर भी रहता है। मार्केट मे वर्तमान मे लगभग पाँच हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है।
जिनमे लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी ने बड़ा उतार चढ़ाव देखा है। निवेश के समय किस क्रिप्टोकरेंसी की वाल्यू कम या ज्यादा रहगी इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल रहता है। लेकिन फिर भी हम आपको कुछ फेक्टर के बारे मे बता रहे है। जिनके जरिए आप निवेश करने से पहले किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के उतार चढ़ाव के बारे मे जान सकते है।
मांग और स्वीकार्यता
किसी भी असेट या क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों को निर्धारित करने मे उसकी मांग का बहुत बड़ा रोल होता है। जब भी किसी भी एसेट की वैल्यू तय होती है। तब उसको लेकर उपभोक्ताओं और निवेशकों के बीच स्वीकार्यता होती है, जिससे उसका इस्तेमाल होता है।
जब भी किसी क्रिप्टोकरेंसी की मांग लगातार बढ़ती है। तो उसी प्रकार से इसकी वैल्यू भी बढ़ जाती है।
फिएट करेंसी जिसे ट्रेडिशनल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। उसे बड़ी मात्रा मे छापा जा सकता है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को लिमिटेड संख्या मे ही बनाया जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बड़ी है। जिसके कारण इसकी कीमतों मे उछाल आया है।
नोड काउंट
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े एक्टिव वॉलेट्स के नंबर को नोड काउंट कहा जाता है। जिसे इंटरनेट या करेंसी के होमपेज पर देखा जा सकता है। इस नंबर की मदद से आप यह भी पता लगा सकते है कि कौन सी क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकॉइन क्राइसिस से उबर सकता है या नहीं. क्रिप्टोकरेंसी निवेश करते हैं? तो जान लीजिए टैक्स से जुड़ी हुई कुछ बाते।
प्रोडक्शन की लागत
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग करने में काफी लागत खर्च होती है। जिस क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग करने में जितनी ज्यादा वैल्यू खर्च होगी। उतनी ही अधिक उस करेंसी की वैल्यू होगी। बिटकोइन क्या है इसमे निवेश कैसे करे
ब्लॉकचेन
किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले निवेशक उस करेंसी की सिक्योरिटी और फ्यूचर को देखते है। इसकी जानकारी उन्हे ब्लॉकचैन तकनीक के जरिए मिलती है। किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले निवेशकों को उसकी सिक्योरिटी के बारे में जानना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड क्या है।इसका इस्तेमाल कैसे करे।
जिस भी करेंसी की सिक्योरिटी सबसे मजबूत होती है। आपको कीमत दूसरी करेंसी की तुलना में ज्यादा होती है।
बाजार का नियमन
प्रोफेशनल ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेंड वैल्यू पर काफी असर डालते हैं। जिससे मार्केट की गति तय होती है। इन्हें ‘व्हेल अकाउंट’ के नाम से भी जाना जाता है। इनके पास मार्केट का बड़े शेयर होते है। जो मार्केट को उठाने और गिराने की क्षमता रखते है। ये हैं भारत में बेस्ट क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐप जिन पर आप एसआईपी से भी निवेश शुरू कर सकते है।