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Investment Common Mistakes Hindi : निवेश करते समय ये गलती भूलकर भी न करें वरना हो सकता हैं, भारी नुकसान

कोरोना माहामरी में लोगों को पैसों की अहमियत का पता चल गया। जहां पहले लोग बिना सोचे समझे खर्च करते रहते थे। वही अब बुरे समय क लिए पैसों को जोड़ने पर ध्यान दें रहे हैं।

कुछ समझदार लोग अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए निवेश मार्केट मे भी निवेश कर रहे हैं। जिसे शेयर मार्कट के नाम से भी जाना जाता हैं। लेकिन शेयर मार्कट में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा रहता हैं।

इसलिए अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना का प्लान बना रहे हैं। तो आपको निवेश करने से पहले कुछ पता होनी चाहिए।

इस लेख में हम आपको निवेशकों की उन गलतियों के बारे में बताने वाले हैं। जिन्हें लोग अक्सर निवेश करने के बाद करते हैं। जिसके कारण कई बार उनका भारी नुकसान भी हो जाता हैं।

इसलिए आपको इन गलतियों को करने से बचना होगा। वरना आपके पैसे डूब सकते हैं। आपको बड़ा वित्तीय घाटे हो सकता हैं।

Investment Common Mistakes Hindi

दूसरों की नकल करना

शेयर मार्केट में दूसरों को देखकर निवेश करने वाले लोग ये बड़ी गलती करते हैं। उन्हे ऐसा नहीं करना चाहिए। कभी भी दूसरों को देखकर शेयर मार्केट में निवेश न करें।

बहुत से लोग ये सोचकर निवेश कर देते हैं कि मेरे दोस्त ने , या मेरे किसी रिश्तेदार ने निवेश किया था तो उसने अच्छा रिटर्न कमाया। इसलिए में भी निवेश कर देता हूँ। भले ही आपको शेयर मार्केट के बारे में जानकारी न हो।

इसलिए पहले खुद समय लगाकर शेयर मार्केट या निवेश मार्केट में समझे कि ये किस प्रकार काम करता हैं। आपको किस समय मार्केट में पैसा निवेश करना हैं कब निकालना हैं। आपको ये जानकारी पता होनी चाहिए।

परफॉर्मेंस के पीछे भागना

निवेश मार्केट एक जोखिम भरा बिजनेस हैं। इसलिए अगर आप इससे कमाई करना चाहते हैं तो आपको थोड़ा रिस्क तो लेना होगा। लेकिन अगर सोचो कि मुझे तो बस अच्छा रिटर्न ही मिलें।

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको ऐसी स्कीम का चुनाव करना होगा। जो आपकी क्षमता के अनुसार हो और आप उस स्कीम में लॉन्ग टर्म निवेश कर सको। लॉन्ग टर्म स्कीम में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रहती हैं।

निवेश के एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि ‘कोई म्यूचुअल फंड स्कीम या कैटेगरी हमेशा रिटर्न के लिहाज से पहले स्थान पर नहीं रहेगी।’

उनका कहना है कि बहुत से म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स को एक स्कीम से दूसरी स्कीम में जाने पर रिटर्न का नुकसान होता है।

आगे उन्होंने ये भी कहा कि कुछ निवेशक किसी स्कीम में हाई रिटर्न देखकर चुनते हैं लेकिन जैसी ही उसमें गिरावट आती हैं वो उससे बाहर निकल जाते हैं।

मार्केट में सही समय की तलाश करना

इस गलती को ज्यादातर म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले करते हैं। निवेशक मार्केट में तेजी होने पर बेचने की कोशिश करते हैं और मार्केट के बहुत अधिक गिरने पर खरीदने की कोशिश करते हैं।

वे इसे समझ नहीं पाते हैं उन्हे नहीं पता होता कि ये फार्मूला हर बार फायदेमंद नहीं रहता हैं। यहाँ पर कंपाउंडिंग और लगातार निवेश के फायदे का नुकसान होता है।’

गिरावट का डर

कई बार निवेश मार्केट में भारी गिरावट चलती रहती हैं जिसके कारण लोगों का भारी नुकसान भी हो जाता हैं। इसलिए कुछ निवेशक इस गिरावट वाले डर की वजह से निवेश करने से डरते रहते हैं।

लॉन्ग टर्म में मार्केट के गिरने की आशंका से बचा नहीं जा सकता। इक्विटी मार्केट में समय समय पर उतार-चढ़ाव चलता रहता हैं। और वे हमेशा तेजी में नहीं रह सकते।

अगर आप म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं। तो वे गिरावट के दौर में अधिक यूनिट्स ले सकते हैं। एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म में निवेश करना अच्छा रिटर्न देता हैं।

शॉर्ट टर्म नजरिया रखना

इक्विटी मार्केट शॉर्ट टर्म निवेश के लिए जाना जाता हैं। जहां पर नुकसान होने के चांस ज्यादा रहते हैं। इसलिए अगर आप लॉन्ग टर्म यानी कि 5 से 10 वर्ष के लिए निवेश का प्लान बना रहे हैं तो तो फिर इक्विटी मार्केट में निवेश करने से बचें।

कुछ निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं। लेकिन मार्केट में जरा सी गिरावट आने पर वे डर के कारण अपना निवेश निकाल लेते हैं।

जिसके कारण उनके रिटर्न पर भी असर पड़ता हैं। इसलिए अगर आपने लॉन्ग टर्म के लिए सोच समझ कर निवेश कर दिया तो फिर जरा सी गिरावट आने पर घबराए नहीं। बल्कि धैर्य बना कर रखें।

ज्यादा टैक्स देनदारी से बचें

निवेश आय पर अधिक टैक्स देना निवेशको की एक बड़ी गलती होती हैं। जिसे अक्सर निवेश में आने वाले नए लोग करते हैं।

आपको ऐसी बहुत से निवेशक मिल जाएंगे जो शुरुआत में तो टैक्ट देने पर ध्यान नहीं देते लेकिन बाद में जब उन्हे टैक्स चुकाना पड़ता हैं । तो उससे उनका रिटर्न काफी काम हो जाता हैं।

इसलिए जब भी आप निवेश के किसी भी विकल्प का चयन करें तो यह जरूर जान लें कि निवेश राशि पर ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम पर कितना टैक्स चुकाना होगा।

निवेशकों को कम से कम टैक्स देनदारी वाले निवेश विकल्प का चुनाव ही करना चाहिए।

आपको ऐसी भी अनेक स्मॉल स्कीम मिल जाएगी। जहां निवेशक करने पर आपको किसी प्रकार का कोई टेक्स नहीं चुकाना पड़ता हैं।

बिना टैक्स वाली सभी स्कीमें EEE स्टेटस के अंतर्गत आती हैं यानि कि यहाँ पर आपको निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।

मुनाफे से नहीं चूके

निवेश करने वाले निवेशक अगर समय समय पर अपना निवेश निया हुआ पोर्टफोलियो चेक नहीं करते हैं और सही समय पर कदम नहीं उठाते हैं, तो आप बड़ा मुनाफा भी गवा सकते हैं।

या आपको भारी नुकसान भी हो सकता हैं। क्योंकि आपको पता ही नहीं होगा कि आपके निवेश के साथ मार्केट में क्या चल रहा हैं।

अगर आप इक्विटी (Equity) में निवेश करते हैं तो टारगेट और स्टॉपलॉस रखना बेहतर है।
इसकी मदद से आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।

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